Sunday, May 9, 2010

aankh


मैं आँख हूँ शरीर का एक खास हिस्सा वो हिस्सा जिसके बिना जिन्दगी में अँधेरा ही अँधेरा है .ये जानते हुए भी मुझमे जरा सा भी घमंड नहीं है ,बल्कि मैं शुक्रगुजार हूँ इस शरीर की जिसने सदा ही एक छोटे बच्चे के जेसे मेरा ख्याल रखा .मुझे ज़रा सी भी तकलीफ नहीं होने दी ,धुल का एक कण भी अगर मुझ में गया तो मेरा ये प्यारा शरीर सिर से पाँव तक तिलमिला उठा ,पूरी जिन्दगी तुमने मंहगे महंगे चश्मे लगा कर मुझे गरम हवा कभी ठंडी बर्फीली हवाओं से तो कभी तेज आंधी और बारिशो से मेरा ख्याल रखा ,मुझे लेकर कितने ही शयरों ने शयरी की .कितनी ही फिल्मे बनी मेरी तारीफों के किस्से पूरी दुनिया में मशहूर है.ऐश्वर्या राय को ही लेलो उनकी आँखे कितनी सुन्दर है.और उनको अपनी आँखों से इस कदर प्यार है के वो पहले ही आँखे दान करने का फेसला कर चुकी है ,क्योंकि वो नहीं चाहती की उनके शरीर के साथ उनकी आँखे भी जल कर ख़त्म हो जाएं .क्रिपा करके आप भी ऐसा ही करें , ऐसा करके आप किसी के अंधेपन जेसा श्राप ख़त्म कर सकते है,याद रखे के अंधापन किसी श्राप से कम नहीं है ,और नेत्र दान महादान .....
इस महादान से शायद आपको मोक्षः प्राप्त हो जाए और आप इस जीवन चक्र से मुक्तं हो जाए ...अंतिम समय में मैं [आँख] आपसे एक वादा चाहती हूँ की जेसे आपने ताउम्र मेरी हिफाजत की है बस एक अहसान और करदो मुझे अपने साथ चिता में मत जलाना ,न मिटटी में दफ़न करना क्योंकि मरा तो शरीर है में तो अभी भी किसी की अँधेरी दुनिया को रोशन कर सकती हूँ बस ये मेरी आपसे आखरी प्रार्थना है ,मुझे किसी और को दान करदो ,,,,क्रिपा करके
जीते जीते रक्त दान
जाते जाते नेत्र दान ............
अपील करता
रामकुमार [lovely]....

10 comments:

  1. सही बात है.
    बहुत ही अच्छा लिखा है आपने. अच्छे विचारों को हमें सब तक पहुँचाना चाहिए.
    नेत्रदान महादान कहा गया है और मृत्यु के बाद तो शरीर नष्ट ही हो जाता है तो आँखों को तो बचाने का प्रयास करना चाहिए. कम से कम किसी दुसरे को तो दुनिया देखने की शक्ति मिले. :)

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  2. धन्यवाद राजीव जी मैने आप के अनुसार वर्ड वेरिफिकेशन हटा दिया है..भविष्य मे आप की इसी तरह मदद की जरुरत रहेगी ,,बहुत जल्द मेरी एक धार्मिक किताब छपने वाली है .छपने से पहले आपकी सलहा जरूर लूँगा, thanks for help, धन्यबाद सहित. lovely kankarwal..

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  3. very well written lovely veere!!!!
    good job!!!
    how r u doin???

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  4. very nice 22g .aap ji di soach bhoot ashi hai . i like it...

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  5. लवली जी
    मैं मन से विरक्त हूँ क्या विरक्त भी रक्त दान कर सकते हैं?
    आँखें कैसे दान करूँ जो किसी की अमानत हैं.
    दृष्टी जरूर करूँगा.

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  6. भैया जी आप तो कहानीकार हो लेखाकार हो लेकिन मैं तुच्छ प्राणी आपके कठोर शव्दों का मतलब नही जान सकता.ब्लोग्स पढने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ,,,

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  7. बहुत अच्छी अपील की है आपने...
    आप नहीं भी रहनेगे दुनिया में फिर भी आपकी आँखें जिंदा रहेंगी...
    अच्छी प्रविष्ठी..
    धन्यवाद..

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  8. बहुत अच्छी बात कही है आपने ..नेत्र दान से बढ़कर कुछ नहीं .

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  9. बहुत बहुत धन्यावाद अदा जी और शिखा जी बस एक कोशिश कर रहा हूँ, की मैं ज्यादा से ज्यादा लोगो तक अपनी मंशा को पहुँचाऊ....एक बार फिर धन्यावाद.

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