Sunday, June 20, 2010

घंटा महादेव का,,,,,,,,,


अरे अरे बुरा मत सोचिये जी पहले पूरा पढ़ तो लीजिये,
जानता हूँ के हर बात के दो मतलब निकलते है लेकिन मेरा मतलब पूरी तरह नेक और शुद्ध है;; लोजी काफी समय पहले की बात है एक बार एक चोर अपने घर में बैठा था. उसकी बीबी उसे डांट फटकार रही थी, कह रही थी की कोई काम काज करलो सारा दिन पढ़े रहते हो सारी रात गाँव में भटकते रहते हो पल्ले कुछ पढता नही उल्टा मार खा के आजाते हो.छो कहता है आरी भाग्यवान आजकल चोकसी इतनी बढ़ गयी है की चोरी करना कोई आसन नही रह गया, और दूसरा कोई काम हम कर नही सकते,अब ये बोझा भार तो हमसे ड़ोया नही जाता देखते है आज रात कुछ करते है.लोजी चोर जी रात को निकल पढ़ते है रात को चोरी के लिए,और घुस जाते है एक शिव मंदिर में.तो जी गल्ला तो पहले ही पंडित जी ख़ाली कर चुके थे, मिला तो बस भगवान् जी की मूर्तियाँ और कुछ फोटो,जब कुछ नही मिला तो नजर पढ़ी शिवलिंग के काफी ऊपर लटक रहे घंटे पर लोजी चोर जी ने सोच लिया की एस ह्गंते को बेच कर दो चार दिन की रोटी का जुगाड़ तो हो ही जायेगा,यही सोच कर शिवलिंग क्र ऊपर चढ़ जाता है और घंटे को खोलने की कोशिश करता है,काफी समय हो गया चोर जी पसीने पसीने हो गये लेकिन ह्गंता नही खुला, और उधर शिव भोले नाथ माता पार्वती संग बेठे मुस्कुरा रहे थे और माता जी को गुस्सा आ रहा था,की चोर हमरे मंदिर में चोरी कर रहे है और भोले नाथ हंस रहे है,तो भोले नाथ कहते है,हे देवी ये भक्त सजा का नही इनाम का हक़ दार है,जब सारी दुनिया आराम से सो रही है उस समय भी ये मेहनत कर रहा है,देखो मैं उसे इसका इनाम देके आता हूँ, और भोले नाथ पहुच गये अपने मंदिर में और चोर से पूछा भाई ये क्या कर रहे हो,चोर एक बार तो सुन्न पढ़ गया फिर दलेरी सी दिखा कर बोला, देके नही हो का घंटा उतार रहे है पर ये khulata ही नही है,और tum है

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