लौजी हाजिर है जनता की अदालत में एक नये ब्लॉग के[किस्मत का फंडा],,
एक समय की बात है एक गाँव में रामू नाम का एक गरीब रहता था, हर रोज़ भीख मांग कर अपना गुजारा करता था, बस ऐसे ही उम्र निकले जा रही थी,हर रोज़ ताने सुनने को मिलते थे,कोई कोई तो गलिय भी सुना देता था,जिनते मुहं उतनी बातें,कोई कहता की भगवान् ने हाथ पांव दिए है कोई काम करो यूँ भीख मांगते शर्म नही आती,बस ऐसे ही चल रहा था,,, एक दिन केलाश पर्वत पर बेठे शिव पार्वती की नजर भीख मांगते हुए रामू पर पढ़ी, माता पार्वती ने भोले नाथ से कहा की उन्हें रामू की सहायता करनी चाहिए,भोले नाथ ने बहुत समझाया की रामू की किस्मत में भीख मांगना ही लिखा है,हम उसकी कोई सहायता नही कर सकते,लेकिन माता नही मानी तो भोले नाथ ने एक थेली में सोने के कुछ सिक्के और कुछ हीरे मोती भरकर उस रस्ते में रख दिए जंहा से रामू गुजरता था,और और उधर रामू जो रोज़ के तानो से तंग आया हुआ था, आज सोचता है की लोग कहते है की भगवान् ने हाथ पांव आँखे दे रखी, कुछ काम कर लिया करो, तो आज रामू ने अपनी दोनों आँखे फोड़ ली और निकल पढ़ा अपने रास्ते पर, थोडा आगे चलने पर उसी थेली से पांव की ठोकर लगी तो रामू ने पांव की ठोकर से उस माया की थेली को अपने रस्ते से हटा दिया ये कहते हुए की लोग कूड़ा कटकट भी रस्ते में ही फेंक देते है और रामू निकल पढ़ा गाँव की और,,,तब भगवान् भोले नाथ बोले माता से की देख ले भाग्यवान तेरी माया की थेली को उसने कूड़ा करकट कह कर पांव की ठोकर मार दी ,,,माता कहने लगी,भगवन ये कस्मत का फंडा अपनी समझ परे है,,,,,,
Thursday, June 24, 2010
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Kismat ka funda mujhe bhi kuchh kam hi samajh aata hai. Vaise aap to samjhte hi honge kankarwal ji. Aap ne achhaa likha hai.
ReplyDeleteहा हा हा,
ReplyDeleteयह किस्मत का फंडा अपनी भी समझ के परे है.
Ye kismat ka funda mujhe bhi kuch kam hi samjh aata hai.
ReplyDeletePost acchi lagi.
virendra ji rajiv ji thanku sooooooo much for a comment
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